लोन ब्याज दर फिक्स क्यों नहीं बताई जाती? | Why is the loan interest rate not fixed?
अगर आपको लोन के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है तो आपको यह बहुत ही अजीब लग सकता है कि लोन ब्याज दर फिक्स क्यों नहीं बताई जाती है। दोस्तों इसका कारण मैं बताता हूं आपको ।
ब्याज दर व्यक्तिगत रिस्क प्रोफाइल पर निर्भर करता है। व्यक्तिगत रिस्क प्रोफाइल निकालने के लिए बहुत से तरीकों का उपयोग किया जाता है जैसे कि Risk Rating, CIBIL Score, Rating Sheet, Loan Quantum अर्थात लोन की कुल राशी और Term अर्थात जितने समय के लिए लोन लिया जा रहा है आदि।
ये सभी पहले व्यक्तिगत रूप से बैंकों द्वारा calculate किये जाते थे लेकिन अब टेक्नोलॉजी के युग में कंप्यूटर सॉफ्टवेर द्वारा सेकंडों में calculate किये जा रहे हैं और इसीलिए इन apps की मदद से इसने शीघ्रता से आज लोन देना संभव हो रहा है। हालांकी कई बैंक आज भी पुरानी पद्धति से कार्य कर रहे हैं लेकिन इसके बारे में विस्तार से हम चर्चा करेंगे अपने सेक्शन ‘जरूर पढ़े’ में।
तो दोस्तो इसके आधार पर यह निर्धारित होता है कि कितनी ब्याज दर लगेगी। अगर लोन की राशि छोटी है , समय सीमा अर्थात जितने समय के लिए लोन लिया जा रहा है वह कम है और व्यक्ति का रिस्क प्रोफाइल भी अच्छा है मतलब उसने बहुत ज्यादा लोन नहीं ले रखे हैं और सिबिल स्कोर भी अच्छा है तो ब्याज दर बताए अनुसार कम से कम ही लगेगी।